प्यारे साथियो,
पिछले दिनों (30 दिसंबर, 2014) जाने-माने पत्रकार और विचारक बीजी वर्गीज का गुडगाँव
में निधन हो गया. वे ८७ वर्ष के थे. लेकिन एकदम हाल तक बेहद सक्रिय थे. वे देश
के प्रतिष्ठित पत्रकारों में थे. रैमन मैगसायसाय पुरस्कार से सम्मानित पत्रकार वर्गीज
का जन्म 21 जून 1927 को हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा दून
स्कूल में हुई. उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से
अर्थशास्त्र में पढाई की और स्नातकोत्तर की शिक्षा कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से
प्राप्त की. वे 1969 से 1975 तक हिंदुस्तान
टाइम्स और 1982 से 1986 के बीच द
इंडियन एक्सप्रेस के प्रधान संपादक रहे। 1966 से 1969
के बीच वर्गीज तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के सूचना सलाहकार
भी रहे। 1975 में आपातकाल लागू करने के इंदिरा गांधी के
फैसले का उन्होंने विरोध किया था। और वे इंदिरा गांधी के आलोचक हो गए. बाद में
आकाशवाणी और दूरदर्शन की स्वायत्तता के लिए उनकी अध्यक्षता में एक समिति भी जनता
पार्टी की सरकार ने गठित की थी. हालांकि वह नब्बे के दशक में जाकर लागू हुई. उन्होंने
अनेक पुस्तकें भी लिखी थीं और वे अभी हाल तक पत्रकारिता को लेकर बेहद सक्रिय थे.
उनके निधन से सचमुच चौथे खम्भे का एक मजबूत पाया गिर गया. – सम्पादक
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