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Tuesday, January 13, 2015

एडवरटाइजिंग के नए तौर-तरीके

ट्रेडिशनल और मॉडर्न मार्केटिंग के कॉम्बिनेशन को कंटेंट मार्केटिंग कहते हैं। इसमें प्रिंट, टेलिविजन, सोशल मीडिया और ऑनलाइन मीडिया के जरिए क्रिएटिव कंटेंट प्रमोट किया जाता है। कंटेंट ऐसा होता है, जिससे कि कस्टमर्स की दिलचस्पी ब्रांड्स या क्लाइंट्स में उत्पन्न हो। उन्हें इंडस्ट्री के ट्रेंड्स की पूरी जानकारी मिल सके।  हिंदी अखबार दैनिक जागरण में हाल ही में एक खबर के जरिए एडवरटाइजिंग की बारिकियों को बताया गया है कि आप अपना करियर इसमें क्यों बना सकते हैं। जागरण की ये खबर हम अपने पाठकों के लिए ज्यों का त्यों पब्लिश कर रहे हैं:

एडवरटाइजिंग में बनाएं करियर
एडवरटाइजिंग का तरीका बदल रहा है। प्रोडक्ट्स की ब्रांडिंग सिर्फ विज्ञापनों तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि टीवी शोज से लेकर फिल्मी कलाकार तक कंपनीज के प्रोडक्ट्स को प्रमोट कर रहे हैं। कोका कोला, कैडबरी जैसी कंपनियां हर उम्र के कस्टमर्स को टारगेट में रखकर विज्ञापन कैंपेन्स डिजाइन कर रही हैं, जिसे नाम दिया गया है कंटेंट मार्केटिंग। इंडिया में डिजिटल मार्केटिंग सेक्टर वैसे ही मिलियन डॉलर इंडस्ट्री का रूप ले चुकी है। ऐसे में टेकसैवी और इनोवेटिव सोच रखने वाले यूथ का रुझान इस ओर बढ़ा है। अगर आपके पास भी कुछ यूनीक क्रिएटिव आइडियाज हैं, तो कंटेंट मार्केटिंग में पहचान बना सकते हैं।
क्या है कंटेंट मार्केटिंग?
ट्रेडिशनल और मॉडर्न मार्केटिंग के कॉम्बिनेशन को कंटेंट मार्केटिंग कहते हैं। इसमें प्रिंट, टेलिविजन, सोशल और ऑनलाइन मीडिया के जरिए क्रिएटिव कंटेंट को प्रमोट किया जाता है। कंटेंट ऐसा होता है, जिससे कि कस्टमर्स की दिलचस्पी ब्रांड्स या क्लाइंट्स में उत्पन्न हो। उन्हें इंडस्ट्री के ट्रेंड्स की पूरी जानकारी मिल सके। सूचना का यह संप्रेषण सोशल मीडिया, मोबाइल मैसेज, टीवी विज्ञापन, ऑनलाइन एडवर्टिजमेंट, किसी भी माध्यम से हो सकता है।
कस्टमर्स को सहूलियत
कंटेंट मार्केटिंग ने कंपनीज के साथ-साथ कस्टमर्स की लाइफ को आसान बनाने में भी काफी मदद की है। पहले घूमने जाने के लिए लोगों को ट्रैवल एजेंट्स के दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन आज इंटरनेट पर एक क्लिक से तमाम ट्रैवल रिलेटेड वेबसाइट्स मिल जाते हैं जो आपकी हॉलीडे प्लानिंग को आसान बनाते हैं।
इसी तरह अगर आपको कोई कार या बाइक खरीदनी होती है, तो आप ऑनलाइन ही उसके फीचर्स, माइलेज आदि की जानकारी हासिल कर लेते हैं। यहां तक कि कीमत की तुलना भी इंटरनेट या स्मार्टफोन पर कर ली जाती है। असल में यह सब कंटेंट मार्केटिंग का ही कमाल है कि कस्टमर्स अपनी सुविधानुसार हर काम कम समय में और बिना भागदौड़ के पूरा कर सकता है।
मार्केट में संभावनाएं
मौजूदा समय में आइटी, एंटरटेनमेंट और ई-कॉमर्स इंडस्ट्री में कंंटेंट मार्केटिंग प्रोफेशनल्स की काफी डिमांड है। आप प्रोडक्शन, मीडिया हाउस, एडवरटिजमेंट एजेंसी से भी जुड़ सकते हैं। इसके साथ ही सर्च इंजन मार्केटिंग, कंटेंट या वेब राइटर, ऑनलाइन मार्केटिंग एग्जिक्यूटिव, ग्राफिक डिजाइनर, कॉपी राइटर, इलस्ट्रेटर, डिजाइनर, वेब मास्टर, सोशल मीडिया स्पेशलिस्ट आदि के रूप में भी काम कर सकते हैं।
स्किल्स ऐंड क्वालिफिकेशंस
कंटेंट मार्केटिंग के क्षेत्र में सफलता के लिए आपके पास राइटिंग स्किल के साथ-साथ क्रिएटिव आइडियाज होने चाहिए, क्योंकि मार्केट में कॉम्पिटिशन बढ़ रहा है। आपका ऐड कैंपेन जितना प्रभावशाली और दिलचस्प होगा, कस्टमर्स उस पर उतना ही ध्यान देंगे।
इसके अलावा, आपको प्रेशर के अंदर, डेडलाइन के तहत काम करना आना चाहिए। किसी भी स्ट्रीम के यूथ ग्रेजुएशन या पोस्टग्रेजुएशन के बाद इस सेक्टर में करियर बना सकते हैं। हालांकि, ऑनलाइन मार्केटिंग एग्जिक्यूटिव के पास मार्केटिंग, सेल्स और बिजनेस की नॉलेज के साथ-साथ साइबर रेगुलेशंस की जानकारी होनी चाहिए।
 (साभार : दैनिक जागरण)
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रम:
PG Diploma in Advertising and Public Relations
Qualification: Graduation in any stream from a recognized University.
Fee: Rs 8000/- per annum.

                                              

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