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पत्रकारिता एवं जनसंचार के विभिन्न पाठ्यक्रमों के छात्रों के लिए विशेष कार्यशाला

Wednesday, January 14, 2015

एक उपसंपादक को कैसा होना चाहिए?

उप सम्पादक किसी भी अखबार की एक ऐसी कड़ी है, जिस पर अखबार रूपी महल टिका रहता है. जिस अखबार के उपसंपादक अच्छे नहीं होंगे, वह अखबार न कंटेंट में अच्छा होगा और न ही दिखने में सुन्दर होगा. वह अखबार और पत्रकारिता के मकसद को भी पूरा नहीं करेगा. इसीलिए उसे अखबारी सेना का अनाम योद्धा भी कहा गया है. उपसंपादक क्या होता है, उसे कैसा होना चाहिए, उसके भीतर कौन-कौन से गुण होने चाहिए, उसकी क्या योग्यताएं होनी चाहिए, ये सब बातें तो आप पत्रकारिता की किताबों में पढ़ ही लेंगे, हम यहाँ दैनिक नवभारत टाइम्स में उपसंपादक पद के लिए निकला एक विज्ञापन छाप रहे हैं, जिससे यह पता चलता है कि आज के अखबार में काम करने के लिए एक युवा पत्रकार के भीतर किस तरह की योग्यताएं होनी चाहिए? पढ़िए आप भी:
            
न्यूजरूम में काम करते सम्पादकीय विभाग के कर्मी 
22 November 2013. एनबीटी आनलाइन में उपसंपादक (कॉपी एडिटर) की एक पोस्ट खाली है। इसके लिए ऐसा शख्स चाहिए जिसने एक या दो साल तक कहीं काम किया हो। वैसे फ्रेशर से भी कोई परहेज नहीं है, बस मानकों पर खरा उतरे। जर्नलिज्म में डिप्लोमा या डिग्री जरूरी नहीं, लेकिन आज की पत्रकारिता क्या है, इसकी जानकारी उसे होनी चाहिए। दूसरे शब्दों में उसकी पत्रकारिता की दुनिया सिर्फ मोदी-राहुल-कांग्रेस-बीजेपी तक सीमित न हो बल्कि आसपास की हर खबर की भी उसको समझ हो।
हिंदी ऐसी हो कि आम पाठकों को समझ में आए और श्रीमती को श्रीमति न लिखता हो। अंग्रेज़ी का ज्ञान इतना कि सही-सही ईमेल लिख पाए और इंग्लिश से हिंदी में अनुवाद कर पाए। अंग्रेजी के शब्दों से नफरत न करता हो और डॉक्टर को डाक्टर न लिखता हो। टेक्नॉलजी से जो न घबराता हो। टि्वटर और फेसबुक जिसके लिए दूसरी दुनिया के शब्द न हों। और इनस्क्रिप्ट/फनेटिक कीबोर्ड के अनुसार टाइप करना जानता हो। 
अगर आप ऐसे हैं तो अपना रेज्यूमे (जी हां, इसे रिज़्यूम नहीं कहते) रविवार, 1 दिसंबर 2013 तक इस ईमेल अड्रेस-   पर भेज दें। साथ में किसी भी पसंदीदा टॉपिक पर 500-700 शब्दों में एक लेख भी भेजें। लेख मंगल फॉन्ट में होगा तो सुविधा होगी वरना साथ में फॉन्ट भी भेजें। कुछ जानना हो तो भी इसी अड्रेस पर मेल करें। रेज्यूमे भेजने के लिए ईमेल का सब्जेक्ट रखें- copy editor 
हम चाहेंगे कि इस नए साथी की उम्र 25-26 के आसपास हो। अच्छे कैंडिडेट के लिए दो साल का ग्रेस हो सकता है। आखिर में एक ज़रूरी बात। भूलकर भी किसी की सिफारिश न लगवाएं। ऐसा होते ही आपकी ऐप्लिकेशन 101 पर्सेंट रद्द हो जाएगी। न सिर्फ इस बार के लिए बल्कि हमेशा के लिए।

(उपरोक्त विज्ञापन एनबीटी ऑनलाइन में प्रकाशित किया गया था. वहीं से साभार)

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