पत्रकारिता दिवस/ समाचार4मीडिया
आज के दौर में मीडिया की क्या भूमिका होनी चाहिए, क्या मीडिया अपनी जिम्मेदारियों को सही तरह से निभा रहा है, क्या वह वाकई निष्पक्ष है…सवाल कई हैं। भारत को आजाद हुए 65 साल से भी ज्यादा वक्त हो चुका है। इस दौरान भारत का मीडिया तमाम मुश्किलों को झेलते हुए लोगों तक देश-दुनिया की बड़ी खबरें पहुंचाता रहा। उसने कई उतार-चढ़ाव भी देखे, कई ऐसे मौके आए जब उसकी ईमानदारी पर सवाल उठे, लेकिन हर परिस्थिति में उसने देश के सामने सही तस्वीर पेश करने का प्रयास किया।
ये बातें आज इसलिए मौजूं हैं क्योंकि
आज ही के दिन, यानी 29 जनवरी, 1780 को भारत
के पहले अखबार का प्रकाशन शुरू हुआ था। इस अखबार की नींव रखने वाला शख्स भारतीय
नहीं, बल्कि एक आयरिशमैन था – जेम्स
अगस्ट्न हिक्की। 29 जनवरी को ‘हिक्की डे’ भी कहा
जाता है। देश का यह पहला अखबार अगस्ट्न हिक्की ने कोलकाता से निकाला, जिसका नाम
‘बंगाल गजट’ था और इसे अंग्रेजी में निकाला गया।
इसे ‘बंगाल गजट’ के अलावा ‘द कलकत्ता
जनरल ऐडवरटाइजर’ और ‘हिक्कीज गजट’ के नाम से
भी जाना जाता है।
यह चार पृष्ठों का अखबार हुआ करता था
और सप्ताह में एक बार प्रकाशित होता था। हिक्की भारत के पहले पत्रकार थे जिन्होंने
प्रेस की स्वतंत्रता के लिये ब्रिटिश सरकार से संघर्ष किया।
हिक्की ने बिना डरे अखबार के जरिए
भ्रष्टाचार और ब्रिटिश शासन की आलोचना की। हिक्की को अपने इस दुस्साहस का अंजाम
भारत छोड़ने के फरमान के तौर पर भुगतना पड़ा था।
ब्रिटिश शासन की आलोचना करने के कारण ‘बंगाल गजट’ को जब्त
कर लिया गया था। 23 मार्च 1782 को अखबार
का प्रकाशन बंद हो गया। इस तरह भारत में मुद्रित पत्रकारिता शुरू करने का श्रेय
हिक्की को ही जाता है।
हिक्की के योगदान को भूलना नामुमकिन
है। तत्कालीन ब्रिटिश शासन के खिलाफ कलम उठाना किसी क्रांतिकारी कदम से कतई कम
नहीं था। स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए अंग्रेजी हुकूमत से टकराने वाले हिक्की ने
जर्नलिज्म को एक अलग दिशा और दशा दी। इसके लिए उन्होंने अंग्रेजी शासन से भी
टकराने से गुरेज नहीं किया।
एक वरिष्ठ पत्रकार के मुताबिक, प्रारंभिक
दौर में उनकी पत्रकारिता पर कहीं न कहीं येलो जर्नलिज्म की छाप रही। लेकिन हमें यह
नहीं भूलना चाहिए कि मीडिया को सरकार के चंगुल से छुड़ाने के लिए वह कदम समय की
मांग थी। इसी वजह से मीडिया लोकतंत्र का चौथा मजबूत खंभा बन पाया। Courtesy:
http://www.samachar4media.com/james-augustus-hicky-gave-journalism-a-new-direction-says-a-senior-journalist
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