exchange4media के IDMA 2015 में टाइम्स नाउ (Times Now) के एडिटर-इन-चीफ (Editor-in-Chief) ने पारंपरिक मीडिया (traditional media) और डिजिटल मीडिया (digital medium) की ताकत के बारे में बातचीत की। उन्होंने कहा कि डिजिटल की शुरुआत से ही वह हमेशा इसकी निंदा करते थे क्योंकि उनका मानना था कि टेलिविजन ही सबसे प्रबल माध्यम था।
गोस्वामी ने कहा, ‘मेरा मानना था कि टेलिविजन ही कोई एजेंडा तय करता है और डिजिटल उसे फॉलो (follow) करता है। इसलिए मैं डिजिटल को ट्रेडिशनल मीडिया का प्रतिद्वंद्वी मानता था। करीब आठ-नौ साल पहले जब मैंने Times Now शुरू किया था तब मैं डिजिटल के बारे में ज्यादा नहीं जानता था। मैंने पिछले आम चुनावों में ही डिजिटल के बारे में देखना शुरू किया था।’ उन्होंने कहा कि इसके बाद उन्होंने बातचीत के लिए डिजिटल माध्यम का इस्तेमाल शुरू किया। उन्होंने कहा कि यह बातचीत का सबसे अच्छा माध्यम है।
डिजिटल के बारे में एक पत्रकार के रूप में अपनी प्रतिक्रिया के बारे में उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता टेलिविजन थी और डिजिटल न्यूज सिर्फ काम्प्लिमेंट्री (complementary) हैं। अर्णब ने कहा, ‘टेलिविजन और डिजिटल न्यूज आने वाले समय में एक-दूसरे की पूरक होंगी। आने वाले समय में न्यूज चैनल, सोशल मीडिया सोर्स और न्यूज पोर्टल एक-दूसरे के क्षेत्र में मिल जाएंगे।’ उस समय यदि आप इनके साथ मिलकर नहीं चलेंगे तो आप नष्ट हो जाएंगे। टेलिविजन से जुड़ा व्यक्ति होने के नाते मेरा मानना है कि ये तीन कैटेगरी- न्यूज चैनल, सोशल मीडिया सोर्स और न्यूज पोर्टल साथ काम करेंगे।’ Times Now channel का उदाहरण देते हुए गोस्वामी ने कहा कि 70 प्रतिशत लोग न्यूजआर (newshour) कभी-कभी देखते हैं लेकिन सात माह में इनकी संख्या ट्विटर पर ढाई मिलियन (2 and half million) हो गई है, इसलिए इसे किसी भी तरह की मार्केटिंग की जरूरत नहीं है।
गोस्वामी ने कहा कि अपने दर्शकों के बारे में पता लगाने पर ज्ञात हुआ कि वे विभिनन मीडिया से हैं और आपको विभिन्न तरीकों से प्रतिक्रिया दे रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘जो लोग मुझे कॉल कर रहे हैं, वे वह नहीं हैं जो मुझे ईमेल भी भेजेंगे। इसके अलावा जो लोग मेरे प्रोग्राम के दौरान ट्विटर पर ट्वीट करते हैं, वह लोग अलग हैं और जो मुझसे Times Now के comment section में बातचीत करते हैं, वे अलग हैं। मुझे विश्वास नहीं हुआ कि NewsHour की डिबेट्स और TAM या BARC पर हमारी दर्शकों की संख्या (viewership ratings) में सीधा संबंध है। इसके अलावा उन्होंने #ShameinSydney के निर्माण को लेकर Times Now के साथ जुड़े ट्विटर के विवाद के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि इसको लेकर उन्हें बहुत ट्वीट मिले थे और वे काफी आलोचनात्मक थे।
गोस्वामी ने कहा, ‘टेलिविजन से जुड़ा व्यक्ति होने के नाते मेरे पास रेवेन्यू जुटाने का एक और साधन है। इसके अलावा मेरे दर्शकों की संख्या भी बढ़ रही है और मेरे ब्रैंड का प्रभाव भी काफी है, जिसने काफी कुछ हासिल किया है।’ उन्होंने कहा कि चूंकि वह टेलिविजन प्रोड्यूसर हैं, इस नाते डिजिटल ने उनके ब्रैंड और कंटेंट को आगे बढ़ाने का अच्छा अवसर प्रदान किया है।
उन्होंने कहा कि कई लोग इस बारे में ट्वीट कर रहे हैं कि यह सेलफोन से नहीं हो रहा है लेकिन डेस्कटॉप और लैपटॉप से हो रहा है। यदि इसकी स्पीड काफी बढ़ जाती है तो लोग इसकी कल्पना कर सकते हैं और डिजिटल मीडिया न्यूज सोर्स हो सकते हैं। इसके बाद अर्णब गोस्वामी ने 1995 से शुरू हुए डिजिटल युग (digital age) में पैदा होने वाले लोगों के बारे में बताया। जब वे कमाना शुरू करेंगे और अर्थव्यवस्था का मजबूत हिस्सा बनेंगे। उन्होंने कहा कि तब चीजें तेजी से बदलेंगी और मोबाइल डिवाइस का चलन ज्यादा बढ़ जाएगा। उन्होंने कहा कि आज आप जिस तरीके से न्यूज प्राप्त करते हैं, 2020 में वह तरीका बिल्कुल बदल जाएगा। अब हमारे सामने यह चुनौती है कि जब इस तरह की बड़ी घटनाएं होंगी तो हम उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें।
http://samachar4media.com/the-way-you-consume-news-will-change-radically-in-2020-arnab-goswami
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