शब्द मनुष्य की सब से बड़ी उपलब्धि है
संचार का साधन, विकास का स्रोत और ज्ञान विज्ञान का सागर है
शब्द की शक्ति अनंत है
संचार का साधन, विकास का स्रोत और ज्ञान विज्ञान का सागर है
शब्द की शक्ति अनंत है
संस्कृत के महान वैयाकरण महर्षि पतंजलि ने कहा था:
‘सही तरह समझा और इस्तेमाल किया गया शब्द इच्छाओँ की पूर्ति का साधन है.’
‘सही तरह समझा और इस्तेमाल किया गया शब्द इच्छाओँ की पूर्ति का साधन है.’
इंग्लिश लेखक मार्क ट्वेन ने लिखा:
‘सही शब्द और लगभग सही शब्द मेँ वही अंतर है
जो बिजली की चकाचौँध और जुगनू की टिमटिमाहट मेँ है.’
‘सही शब्द और लगभग सही शब्द मेँ वही अंतर है
जो बिजली की चकाचौँध और जुगनू की टिमटिमाहट मेँ है.’
समान्तर कोष के लेखक अरविन्द कुमार के फेसबुक वाल से