उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय
उत्तराखण्ड
मुक्त विश्वविद्यालय की स्थापना 25 नवम्बर, 2005 को प्रदेश के
कुमाऊं द्वार हल्द्वानी में की गयी। इस समय विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड के दूर-दराज
के क्षेत्रों में शिक्षा का प्रचार-प्रसार कर रहा है। आज विश्वविद्यालय दिन-प्रतिदिन प्रगति
की राह पर गतिमान है। विश्वविद्यालय में बीए, बी एससी, बी काम
एवं एम.ए., एम एससी, एम.काम. जैसे पारंपरिक विषयों के साथ-साथ एमबीए, बीबीए, एमएसडब्ल्यू, एमएस-सी आईटी, पत्रकारिता एवं
जनसंचार, योग, आयुर्वेद, आपदा प्रबन्धन जैसे व्यावसायिक कार्यक्रम संचालित कर रहा
है. साथ ही अनेक प्रमाणपत्र कार्यक्रम भी संचालित किये जा रहे हैं, जिनका लाभ
प्रदेश के लगभग 25,000 विद्यार्थी
उठा रहे हैं।
पत्रकारिता एवं मीडिया
अध्ययन विद्याशाखा
मीडिया
की उपयोगिता और महत्व को देखते हुए उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय ने इसके विविध
पहलुओं पर अलग-अलग स्तरों पर पाठ्यक्रम शुरू किये हैं. सत्र 2010-11 में एक वर्षीय
पीजी डिप्लोमा कार्यक्रम पीजीडीजेएमसी शुरू किया गया. वर्ष 2011-12 में दो वर्षीय
एमजेएमसी और छह मासीय सर्टिफिकेट इन मास मीडिया भी शुरू हुए। वर्ष 2013-14 में एक-एक वर्षीय
दो और पाठ्यक्रम शुरू किये गए हैं. ये हैं: पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन ब्रोडकास्ट जर्नलिज्म एंड न्यू मीडिया तथा पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एडवरटाइजिंग एंड पब्लिक रिलेशंस. हम लेटरल एंट्री के तहत उन शिक्षार्थियों को एमजेएमसी के दूसरे वर्ष में सीधे दाखिला देते हैं, जिन्होंने स्नातक के बाद एक वर्षीय डिप्लोमा या डिग्री परीक्षा उत्तीर्ण की होती है. आज न सिर्फ उत्तराखंड के दूर-दराज के युवा मीडिया शिक्षा का लुत्फ़ उठा रहे हैं, बल्कि देश के जाने-माने पत्रकार भी हमारे स्कूल से शिक्षा ग्रहण कर अपनी योग्यता बढ़ा रहे हैं.
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